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बीए सेमेस्टर-2 राजनीति विज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2724
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-2 राजनीति विज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर

महत्त्वपूर्ण तथ्य

हॉब्स के अनुसार, प्रकृति ने सभी इंसानों को करीब-करीब समान बनाया है।

लेनिन के अनुसार " जब तक एक वर्ग का दूसरे वर्ग द्वारा शोषण किये जाने की सारी संभावनायें बिल्कुल नष्ट नहीं कर दी जाती तब तक वास्तविक व सही समानता नहीं हो सकती।”

बार्कर ने अपनी पुस्तक “प्रिंसिपल ऑफ सोशल एण्ड पॉलिटिक्स थ्योरी' में लिखा है कि अधिकारों के रूप में मुझे जो भी स्थितियां उपलब्ध करायी जाती है वे अन्य लोगों को वैसे ही करायी जाय और यह कि जो अन्य अधिकार लोगों को उपलब्ध कराये जाये, वे मुझे भी मिले।"

अरस्तू ने समानता का अर्थ आनुपातिक समानता के अवधारण के रूप में व्यक्त किया जिसका अर्थ है समकक्षो के मध्य समानता।

लॉक, रूसो, पेन व जैफर्सन ने मनुष्य को प्राकृतिक रूप से समान घोषित किया। लॉक के अनुसार " राजनीतिक सत्ता को उचित रूप में समझने के लिए तथा इसके मौलिक रूप को जानने के लिए हमें यह देखना चाहिए कि प्राकृतिक रूप में व्यक्ति किस अवस्था में थे, प्राकृतिक अवस्था में व्यक्ति को कार्य करने की पूर्ण स्वतंत्रता थी। यह स्थिति समानता की स्थिति थी। समस्त शक्ति व अधिकार परस्पर सम्बंधित थे, जिसमें किसी को दूसरो से अधिक कुछ प्राप्त नहीं था। " 

'डिस्कोर्स आन द ओरिजिन ऑफ इन इक्वेलिटी' में रूसो ने समानता की जोरदार सिफारिश की और असमानता को सम्पत्ति तथा सभ्यता के साथ जोड़ा।

समानता के उदारवादी दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व लास्की ने किया। लास्की के अनुसार “जब तक मनुष्य अपनी अपेक्षा योग्यता तथा आवश्यकताओं में असमान है, व्यवहार की असमानता असंभव है।"

समानता के दो रूप हैं—

नकारात्मक समानता
सकारात्मक समानता

नकारात्मक समानता से तात्पर्य यह है कि किसी वर्ग विशेष को विशेष सुविधा न प्राप्त हो तथा विकास की सुविधायें उपलब्ध कराने में किसी प्रकार का विभेद न किया जाय। समानता का अर्थ उन विषमताओं को दूर करना है जो नैसर्गिक नहीं है और समान अवसर के अभाव में उत्पन्न हो गयी है।

सकारात्मक समानता से तात्पर्य यह है कि राज्य के सभी व्यक्तियों को अपने विकास के समान अवसर प्राप्त हों। प्राकृतिक असमानताओं को स्वीकार करते हुए सामाजिक विषमताओं को दूर करने का प्रयत्न किया जाय। समानता का वास्तविक रूप सकारात्मक है।

लास्की के शब्दों में, सभी व्यक्तियों की प्राथमिक व अतिमहत्वपूर्ण मांगों की पूर्ति सर्वप्रथम की जाय।

प्राकृतिक समानता से तात्पर्य यह है कि मनुष्य जन्मतः समान होता है अतः प्रकृति ने सबको समान बनाया है। असमानता कृत्रिम हैं और समाज की देन है।

पोलिबिपस, सिसरो, हाब्स, लाक, रूसो, मार्क्स आदि विचारकों ने प्राकृतिक समानता का समर्थन किया। वर्तमान समय में प्राकृतिक समानता की विचारधारा सर्वथा अवमूल्यक है। मनुष्य असमान ही जन्म लेता है। मनुष्य में भेद प्रकृति प्रदत्त है। अतः प्राकृतिक समानता मात्र काल्पनिक व्याख्या प्रतीत होती है।

सामाजिक समानता से आशय है कि समाज में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को समान दृष्टि से देखा जाय तथा समाज अपने सदस्यों को जो अधिकार या सुविधायें देता है उसमें किसी प्रकार का भेद न किया जाय।

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार के घोषणापत्र (1948) में सामाजिक समानता पर विशेष बल दिया गया है। इसके अतिरिक्त भारतीय संविधान में भी सामाजिक सामानता सम्बंधी व्यवस्था की गयी

नागरिक समता से प्रायः दो अर्थ लिये जाते हैं-कानून के समक्ष समानता और कानून का समान संरक्षण। प्रथम राज्यों के कानूनों की दृष्टि में समस्त मनुष्य समान हो, द्वितीय राज्य के कानून द्वारा दण्ड या सुविधा प्रदान करने में व्यक्ति-व्यक्ति में कोई भेद नहीं किया जाना चाहिए। भारत के संविधान में यह उल्लिखित है कि 'कानून के समक्ष सभी व्यक्ति समान हैं। "

डायसी के अनुसार, “कानून के समक्ष समानता का वर्णन इस प्रकार है- "हमारे देश में प्रत्येक अधिकारी चाहे वह प्रधानमंत्री हो अथवा पुलिस का सिपाही अथवा कर वसूल करने वाला, गैर कानूनी कार्यों के लिए उतना ही दोषी माना जायेगा जितना एक साधारण नागरिक। ” रूसो ने अपनी पुस्तक "सोशल कांन्ट्रेक्ट" में लिखा था कि “सभी नागरिकों को कानूनी समानता प्रदान करना नागरिक समाज की प्रमुख विशेषता है।"

राजनीतिक समानता से तात्पर्य है कि बिना किसी भेदभाव के समाज के समस्त नागरिकों को राज्य की राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी का समान रूप से अवसर प्राप्त हो।

लास्की के शब्दों में – “जो अधिकार किसी अन्य व्यक्ति को नागरिक होने के नाते प्राप्त है, वही अधिकार समान मात्रा में मुझे भी प्राप्त होना चाहिए।

आर्थिक समानता मार्क्सवादी विचारधारा की देन है और यह समाजवादी पद्धति की आधारशिला है।

आर्थिक समानता का अर्थ है कि समाज में उत्पादन और सम्पत्ति का न्यायोचित वितरण हों जिससे समाज के किसी एक वर्ग के हान में सारी संपत्ति का न्यायोचित वितरण हो जिससे समाज के किसी एक वर्ग के हाथ में सारी सम्पत्ति एकत्र न हो जाय।

आर्थिक समानता का अर्थ यह है कि धनवान और निर्धन के अन्तर को समाप्त कर दिया जाय और प्रत्येक स्त्री पुरुष को सांसारिक भौतिक पदार्थ समान रूप से प्राप्त हों।

लास्की ने आर्थिक समानता को सभी प्रकार की समानताओं का मूल माना है। उनके अनुसार कुछ लोगों के पास प्रचुर मात्रा में धन होने के पहले सबकी आवश्यकतायें अच्छी तरह से पूरी हो जाये।"

आर्थिक समानता लोकतंत्र की सफलता की एक अनिवार्य शर्त है। आर्थिक समानता के अभाव में राजनीतिक स्वतंत्रता महत्वहीन हो जाती है। समाज का सही विकास तभी संभव है, जब उसके सदस्यों के बीच न्यूनतम आर्थिक समानता अवश्य प्राप्त हो।

रूसो ने कहा है कि “सरकार की नीति ऐसी होनी चाहिए कि न तो यह अमीरों की संख्या बढ़ने दे और न भिखमंगो की। "

स्वतंत्रता और समानता परस्पर विरोधी है। लार्ड एक्टन, डी टाक्यावेली, फीडमैन, मिचेल्स और परेटो इस विचारधारा के समर्थक हैं। इनके अनुसार स्वतंत्रता प्रकृति प्रदत्त है जबकि - समानता प्रकृति की देन नहीं है। स्वतंत्रता अपनी इच्छानुसार कार्य करने की शक्ति का नाम है जैसा कि समानत से तात्पर्य प्रत्येक प्रकार से सभी व्यक्तियों को समान समझने से है।

लार्ड एक्टन के अनुसार "समानता की उत्कृष्ट अभिलाषा के कारण स्वतंत्रता की आशा ही व्यर्थ हो गयी।"

स्वतंत्रता और समानता एक दूसरे के पूरक हैं-हेरिगटन, मेटलैण्ड, ह्यूम, गाडविन, रूसो, बार्कर, लास्की आदि विद्वानों ने माना कि स्वतंत्रता और समानता एक दूसरे के पूरक है, विरोधी नहीं।

प्रो० पोलार्ड ने यह मत दिया कि "स्वतंत्रता की समस्या का केवल एक हल है और वह हल समानता में निहित है।"

लास्की के शब्दों में “स्वतंत्रता समानता के बिना एक सीमित गुम्बद या सुराख के समान होगी और समानता स्वतंत्रता के बिना अर्थहीन होगी।"

आर0एच0 टानी, लास्की, सी0वी0 मैकफर्सन समानता और स्वतंत्रता को एक दूसरे का पूरक मानते हैं।

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    अनुक्रम

  1. अध्याय -1 राजनीति विज्ञान : परिभाषा, प्रकृति एवं क्षेत्र
  2. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  3. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  4. उत्तरमाला
  5. अध्याय - 2 राजनीतिक विज्ञान की अध्ययन की विधियाँ
  6. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  7. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  8. उत्तरमाला
  9. अध्याय - 3 राजनीति विज्ञान का अन्य सामाजिक विज्ञानों से संबंध
  10. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  11. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  12. उत्तरमाला
  13. अध्याय - 4 राजनीतिक विज्ञान के अध्ययन के उपागम
  14. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  15. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  16. उत्तरमाला
  17. अध्याय - 5 आधुनिक दृष्टिकोण : व्यवहारवाद एवं उत्तर-व्यवहारवाद
  18. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  19. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  20. उत्तरमाला
  21. अध्याय - 6 आधुनिकतावाद एवं उत्तर-आधुनिकतावाद
  22. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  23. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  24. उत्तरमाला
  25. अध्याय - 7 राज्य : प्रकृति, तत्व एवं उत्पत्ति के सिद्धांत
  26. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  27. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  28. उत्तरमाला
  29. अध्याय - 8 राज्य के सिद्धान्त
  30. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  31. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  32. उत्तरमाला
  33. अध्याय - 9 सम्प्रभुता : अद्वैतवाद व बहुलवाद
  34. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  35. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  36. उत्तरमाला
  37. अध्याय - 10 कानून : परिभाषा, स्रोत एवं वर्गीकरण
  38. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  39. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  40. उत्तरमाला
  41. अध्याय - 11 दण्ड
  42. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  43. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  44. उत्तरमाला
  45. अध्याय - 12 स्वतंत्रता
  46. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  47. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  48. उत्तरमाला
  49. अध्याय - 13 समानता
  50. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  51. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  52. उत्तरमाला
  53. अध्याय - 14 न्याय
  54. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  55. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  56. उत्तरमाला
  57. अध्याय - 15 शक्ति, प्रभाव, सत्ता तथा वैधता या औचित्यपूर्णता
  58. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  59. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  60. उत्तरमाला
  61. अध्याय - 16 अधिकार एवं कर्त्तव्य
  62. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  63. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  64. उत्तरमाला
  65. अध्याय - 17 राजनीतिक संस्कृति, राजनीतिक सहभागिता, राजनीतिक विकास एवं राजनीतिक आधुनिकीकरण
  66. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  67. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  68. उत्तरमाला
  69. अध्याय - 18 उपनिवेशवाद एवं नव-उपनिवेशवाद
  70. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  71. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  72. उत्तरमाला
  73. अध्याय - 19 राष्ट्रवाद व सांस्कृतिक राष्ट्रवाद
  74. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  75. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  76. उत्तरमाला
  77. अध्याय - 20 वैश्वीकरण
  78. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  79. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  80. उत्तरमाला
  81. अध्याय - 21 मानवाधिकार
  82. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  83. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  84. उत्तरमाला
  85. अध्याय - 22 नारीवाद
  86. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  87. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  88. उत्तरमाला
  89. अध्याय - 23 संसदीय प्रणाली
  90. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  91. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  92. उत्तरमाला
  93. अध्याय - 24 राष्ट्रपति प्रणाली
  94. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  95. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  96. उत्तरमाला
  97. अध्याय - 25 संघीय एवं एकात्मक प्रणाली
  98. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  99. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  100. उत्तरमाला
  101. अध्याय - 26 राजनीतिक दल
  102. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  103. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  104. उत्तरमाला
  105. अध्याय - 27 दबाव समूह
  106. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  107. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  108. उत्तरमाला
  109. अध्याय - 28 सरकार के अंग : कार्यपालिका, विधायिका एवं न्यायपालिका
  110. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  111. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  112. उत्तरमाला
  113. अध्याय - 29 संविधान, संविधानवाद, लोकतन्त्र एवं अधिनायकवाद .
  114. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  115. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  116. उत्तरमाला
  117. अध्याय - 30 लोकमत एवं सामाजिक न्याय
  118. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  119. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  120. उत्तरमाला
  121. अध्याय - 31 धर्मनिरपेक्षता एवं विकेन्द्रीकरण
  122. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  123. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  124. उत्तरमाला
  125. अध्याय - 32 प्रतिनिधित्व के सिद्धान्त
  126. महत्त्वपूर्ण तथ्य
  127. वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  128. उत्तरमाला

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